CASE STUDY OF LIC
History of LIC
LIC का इतिहास। LIC क्या है।
एलआईसी (LIC) भारत की सबसे बीमा कंपनी है, जिसका स्थापना 1 सितंबर 1956 को हुआ था। यह कंपनी 245 छोटे-छोटे कंपनियों को मिलाकर बनाया गया था।
LIC ::-- Life Insurance Corporation of India.
एलआईसी ::- भारतीय जीवन बीमा निगम।
Slogan ::-- जिंदगी के साथ भी, और जिंदगी के बाद भी।
यह बिजनेस भारत में सिर्फ 5 करोड़ की पूंजी के साथ शुरू हुई और आज यह बिजनेस में लोग विश्वास जताते हुए आज इस बीमा कंपनी की पूंजी 1 लाख 25 हजार करोड़ से भी ज्यादा हो चुका है।
एलआईसी का मुख्यालय मुंबई महाराष्ट्र में है।
LIC का ::- 8 Zonal Office है ,
113 Divisional Office है ,
2048 Branches पूरे भारत में है,
1408 Branch Satellite से जुड़े है ,
54 Customer Zone है ,
25 मेट्रो Area Service Hub भी हैं।
1956 से 2000 तक एलआईसी ही एकमात्र कंपनी थी, जो भारत में थी और पूरे भारत में राज करती थी और अभी भी करती है।
LIC के पास अभी कुल 15 लाख से भी ज्यादा एजेंट्स (Agents) है।
2006 में एलआईसी का जीडीपी में लगभग 7% का योगदान था। एलआईसी के पास अभी लगभग 30 करोड़ से भी ज्यादा पॉलिसी होल्डर हैं।
LIC का पूरा मालिकाना हक भारत सरकार के पास है।
एलआईसी लगभग 50000 करोड़ शेयर मार्केट में इन्वेस्ट करती है।
हर साल एलआईसी लगभग 20 लाख पॉलिसी जारी करती है।
एलआईसी में हर साल लगभग तीन लाख करोड़ का प्रीमियम जमा होता है।
LIC का मार्केट वैल्यू लगभग 2800000 करोड़ है।
यह कंपनी 2018-19 मैं अपने पॉलिसी होल्डर को 50000 करोड़ तक का बोनस दिया था।
LIC का प्रमुख खंड (Major Segment) निम्न है :- 1. Life Insurance
2. Health Insurance
3. Investment Management
4. Mutual Fund
Financial Year 2019
Total Revenue : तीन लाख 37 हजार करोड़
Operating Income : 32241 करोड़
Net Income : 29,956 करोड़
Total Asset : 31,11,847 करोड़ हैं।
यह कंपनी अपने पैसों को देश के विकास के काम में लगाती है और यह कंपनी देश के विद्युत के क्षेत्र में लगभग 10000 करोड़ का निवेश किया तथा पानी के क्षेत्र में 12000 करोड़ की पूंजी का निवेश किया।
यह कंपनी देश की भलाई के लिए और भी अन्य क्षेत्रों में पैसा लगाती है जिससे देश का विकास हो और सभी लोगों तक सुविधाएं पहुंचे।
एलआईसी अपना पैसा भारत में ही लगाती है। एलआईसी एक स्वदेशी कंपनी है।
एलआईसी अपना मुनाफे का मात्र 5 परसेंट भारत सरकार को देती है और बचा हुआ 95% मुनाफा अपने पॉलिसी धारक में बांट देती है।
यह एक स्वदेशी कंपनी है और इसका पूरा मालिकाना हक भारत सरकार के पास है।
सन 2000 के बाद बहुत सारे विदेशी बीमा कंपनियां भारत में कदम रखे और अपना बाजार चलाने लगे मगर एलआईसी के जैसे किसी का बिजनेस नहीं चला।
आज एलआईसी के एजेंट आपको हर गांव में मिलेगा और देश में हर छठा आदमी एलआईसी में पॉलिसी खरीदता है।
लोगों के विश्वास की बदौलत आज एलआईसी का बिजनेस इतना बड़ा हो चुका है।
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Note ::- This Case Study Is Based My Research. It may not be 100% Accurate.
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